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राधे-राधे
हरेकृष्ण-जय-जय सीता राम
सभी मित्रों को नव संवत्सर २०६८ के लिए परम आध्य-शक्ति माता जगदम्बा के ममत्व रस सिंचित-वरद आशीष-कृपा छत्र-छाया में श्री रामकृपा रत्न भरी शुभकामनायें ...
जय-जय सीता राम --श्री राम जन्म नवमी की सभी भक्त-मित्रों को वधाई हो राधे-राधे
जय जगधात्री माँ-जय भक्त-वत्सल माँ-जय सत्य स्वरूपा माँ-जय-जय जगदम्बे माँ !!
तेरे कृपा-सहारे मात शिवा-मेरे जीवन संवत सिद्ध हुए !
मिले राम रतन तेरी पूजा से -हम सब हर्षे कृत्य-कृत्य हुए !!
हे गिरिजा माँ-हे कालिका माँ-हे कात्यायनी माता मेरी !
हे दुर्गा माँ दुर्गति नाशिनी मैं निश्चिन्त शरण तेरी !!
तेरे आसरे माता आश लगी श्री सीताराम चरित वरनों मैं सही !
मिलें कृष्ण कन्हैया श्रीजी संग सुनूँ मुरली मधुर ब्रजवास यही !!
भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी !
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी !!
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी !
भूषन वनमाला नयन बिसाला सोभासिन्धु खरारी !!
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता !
माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता !!
करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता !
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयौ प्रकट श्रीकंता !!
ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै !
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै !!
उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै !
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै !!
माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा !
कीजे सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा !!
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा !
यह चरित जे गावहि हरिपद पावहि ते न परहिं भवकूपा !!
बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार !
निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार !!
जय-जय सीता राम --श्री राम जन्म नवमी की सभी भक्त-मित्रों को वधाई हो
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी !!
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी !
भूषन वनमाला नयन बिसाला सोभासिन्धु खरारी !!
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता !
माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता !!
करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता !
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयौ प्रकट श्रीकंता !!
ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै !
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै !!
उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै !
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै !!
माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा !
कीजे सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा !!
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा !
यह चरित जे गावहि हरिपद पावहि ते न परहिं भवकूपा !!
बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार !
निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार !!
जय-जय सीता राम --श्री राम जन्म नवमी की सभी भक्त-मित्रों को वधाई हो
राधे-राधे हरेकृष्ण
जय-जय सीता राम --
जय-जय सीता राम --